उन पुराने दिनों की बातें हाय कैसे भूल पाओगे পুরানো সেই দিনের কথা ভুলবি কি রে হায়।
वो आँखों में झांकना ,दिल की बातें करना वो कैसे भूल पाऊँ ও সেই চোখে দেখা, প্রাণের কথা, সে কি ভোলা যায়।
आओ और एकबार आओ हे सखा ह्रदय में समा जाओ আয় আর একটিবার আয় রে সখা, প্রাণের মাঝে আয়।
हम सुख-दुःख की बातें करें जी भर कर आओ মোরা সুখের দুখের কথা কব, প্রাণ জুড়াবে তায়।
वो हमारा भोर बेला में फूल चुनना , झूला झूलना মোরা ভোরের বেলা ফুল তুলেছি, দুলেছি দোলায়--
बकुल के पेड़ के नीचे बंसी बजाकर गाना सुनाना বাজিয়ে বাঁশি গান গেয়েছি বকুলের তলায়।
फिर कुछ दिनों के लिए हुए अलग गए कौन कहाँ হায় মাঝে হল ছাড়াছাড়ি, গেলেম কে কোথায়--
अब फिर से हम मिले हैं सखा आओ प्राण में समा जाओ আবার দেখা যদি হল, সখা, প্রাণের মাঝে আয়॥
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