रिश्ते बनते है बड़े धीरे से
बनने भी दे
कच्चे लम्हें को ज़रा शाख़ पे
पकने दे दे
एक चिंगारी का उड़ना था कि
पर काट दिए
ओ आंच आई तो ज़रा आग को
जलने दे दे
कच्चे लम्हें को ज़रा शाख़ पे
पकने दे दे
एक ही लम्हे पे इक साथ
गिरे थे दोनों
ओ खुद संभल के या ज़रा मुझको
सँभालने दे दे
कच्चे लम्हें को ज़रा शाख़ पे
पकने दे दे
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