ভালোবাসি, ভালোবাসি--
এই সুরে কাছে দূরে জলে স্থলে বাজায় বাঁশি॥
আকাশে কার বুকের মাঝে ব্যথা বাজে,
দিগন্তে কার কালো আঁখি আঁখির জলে যায় ভাসি॥
সেই সুরে সাগরকূলে বাঁধন খুলে
অতল রোদন উঠে দুলে।
সেই সুরে বাজে মনে অকারণে
ভুলে-যাওয়া গানের বাণী, ভোলা দিনের কাঁদন-হাসি॥
प्यार है मुझे
दूर या पास जल-स्थल इन्हीं स्वरों में बजे बंशी
वो आकाश में किसके ह्रदय में व्यथा बजे
दूर दिगंत में किसके काली आँखों से आंसूं बहे ||
उस सुर-सागर के किनारों का बंधन तोड़कर
अतल रूदन बाहर आया झूमकर
उन सुरों में अकारण ही मेरे मन में बजे
भूला हुआ संगीत के स्वर ,और भूले हुए क्रंदन -हँसी
जिन ग़रीबों के दर्द को कोई सुनना भी पसंद न करता था, उनके दर्द को तश्त अज़ बाम किया है Taigore ने। आपकी पोस्ट अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंहमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार को
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