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मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

ओ साथी रे दिन डूबे न -ओंकारा


o saathi re | Upload Music

ओ साथी रे दिन डूबे न 
आ चल दिन को रोके 
धुप के पीछे दौड़े  छाँव छूए ना 
ओ साथी रे

थका-थका सूरज जब नदी से होकर निकलेगा
हरी-हरी काई पे पाँव पडा तो फिसलेगा
तुम रोक के रखना मैं जाल गिराऊँ
तुम पीठ पे लेना मैं हाथ लगाऊँ
दिन डूबे ना
तेरी मेरी अट्टी-बट्टी
दांत से काटी कट्टी
रे जियो ना ओ पिहू रे
ओ पीहू रे ना जईओ न

कभी-कभी यूं करना मैं डांटू और तुम डरना
उबल पड़े आँखों से मीठे पानी का झरना
तेरे दोहरे बदन सिल जाऊँगी रे
जब  करवट लेना छिल जाऊँगी रे
ओ संग ले जाऊँगा
तेरी-मेरी अंगनी-मंगनी
अंग संग लागे संगनी
संग ले जाऊं ओ पिहू रे
ओ साथी रे दिन डूबे न





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