"TALK TO YOURSELF ATLEAST ONCE IN A DAY OTHERWISE YOU MAY MISS A MEETING WITH AN EXCELLENT PERSON IN THIS WORLD".........
बुधवार, 30 नवंबर 2011
लबों से....gulzar
लबों से चूम लो , आँखों से थाम लो मुझको
तुम्ही से जन्मू तो शायद मुझे पनाह मिले
दो सौंधे सौंधे से जिस्म जिस वक़्त एक मुठी में सो रहे थे
बता तो उस वक़्त मैं कहा था , बता तो उस वक़्त तू कहा थी
मैं आरजू की तपिश में पिघल रही थी कही
तुम्हारे जिस्म से होकर निकल रही थी कही
बड़े हसीं थे जो रह में गुनाह मिले
तुम्ही से जन्मू तो शायद .........
तुम्हारी लौ को पकड के जलने की आरजू में
जब अपने ही आप से लिपट के सुलग रहा था
बता तो उस वक़्त मैं कहाँ था , बता तो उस वक़्त तू कहाँ थी
तुम्हारी आँखों के साहिल से दूर दूर कहीं
मैं ढूँढती थी मिले खुश्बुओ का नूर कहीं
वहीँ रुकी हूँ जहाँ से तुम्हारी राह मिले
तुम्ही से जन्मू तो शायद ..
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
जवाब देंहटाएंयह तो आस्था फिल्म का गीत लग रहा है।
जवाब देंहटाएंexcellent................
जवाब देंहटाएंits my favourite nazm...........
तुम्ही से जन्मूं तो शायद मुझे पनाह मिले.....
thanks a lot for sharing...
अनु
good
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