फ़ॉलोअर

SWAMI VIVEKANAND SAID:



"TALK TO YOURSELF ATLEAST ONCE IN A DAY
OTHERWISE
YOU MAY MISS A MEETING WITH AN EXCELLENT PERSON IN THIS WORLD".........

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

क्या खोया क्या पाया जग में,...(Samvedna-Atal Bihari Vajpayee 2002)

[LyricsMasti] Lyrics of Kya Khoya Kya Paya (Samvedna-Atal Bihari Vajpayee 2002)

क्या खोया क्या पाया जग में,
मिलते और बिछड़ते मग में,
मुझे किसी से नहीं शिकायत,
यधपि छला गया पग-पग में,
एक दृष्टि बीती पर डालें,
यादों की पोटली टटोलें,
जन्म मरण का अविरत फेरा,
जीवन बंजारों का अविरत डेरा,
आज यहाँ कल वहाँ कूच है,
कौन जानता किधर सवेरा,
अंधियारा आकाश असीमित,
प्राणों के पखों को तौलें,
अपने ही मन से कुछ बोलें,





8 टिप्‍पणियां:

  1. अटल जी एक कुशल राजनेता के साथ संवेदनशील कवि हैं.....
    उनकी इस सुन्दर कविता को पुनः पढवाने के लिये आपका आभार...
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. सम्माननीय अटल जी का सुन्दर गीत पढ़कर बहुत अच्छा लगा |
    प्रस्तुतिके लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब ...
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  4. Hi, after reading this awesome piece of writing i am too happy to share my knowledge here with mates.
    Here is my web site - http://wifesharing.sexusblog.com

    जवाब देंहटाएं
  5. कविवर अटल बिहारी वाजपेयी के सम्पूर्ण कविताओं का संग्रह है मेरे पास ,मै अक्सर पढ़ कर प्रेरणा प्राप्त करता हूँ ।
    आज आपके इस सुन्दर प्रस्तुति से मन गद -गद हो उठा , आपको बहुत शुभकामनाएँ ...

    जवाब देंहटाएं
  6. mujhe apne es Kavi , Rajneta, Bhutpurva Pradhanmantri Maanniye Sri Atal Bigaree Bajpeyee Jee par garv hai.

    जवाब देंहटाएं
  7. वास्तव मे अटल जी एक महान ब्यक्ति एवं महान नेता होने के साथ महान कवि भी है

    जवाब देंहटाएं
  8. कितनी खूबसूरत मनोभाव हैं इस कविता में

    जवाब देंहटाएं

iframe>

Comments

विजेट आपके ब्लॉग पर

BidVertiser

www.hamarivani.com

www.hamarivani.com