फ़ॉलोअर

SWAMI VIVEKANAND SAID:



"TALK TO YOURSELF ATLEAST ONCE IN A DAY
OTHERWISE
YOU MAY MISS A MEETING WITH AN EXCELLENT PERSON IN THIS WORLD".........

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

गुरुदेव द्वारा रचित कविता से अनुदित

कई बार सोचा मैंने अपने आपको भूलकर 
तुम्हारे चरणों पर समर्पित करून अपने हृदय को खोलकर 

मन ही मन सोचता हूँ दूर तुमसे मैं रहूँ 
जीवन भर एकाकी रहकर मैं अदृश्य हो जाऊं 

कोई समझे न ये मेरी गहरी प्रणय कथा 
कोई जाने न ये मेरी अश्रु पूर्ण हृदय -व्यथा 

आज कैसे मैं ये बातें सबके समक्ष कहूं 
प्रेम कितना तुमसे है ये कैसे उजागर करूँ 


कई बार सोचा मैंने अपने आपको भूलकर 
तुम्हारे चरणों पर समर्पित करूँ अपने हृदय को खोलकर 

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

iframe>

Comments

विजेट आपके ब्लॉग पर

BidVertiser

www.hamarivani.com

www.hamarivani.com